शिवरात्रि
Photo credit @ Roop Singh
शिवरात्रि
कांपे धरा, कराहे अम्बर…
करे दानव–देव शिवा शिवा…
उफान समंदर को छूए हिमालय…
मानव–जनावर करे शिवा शिवा…
ब्रह्मा–विष्णु भजे तोहुकु…
नारद–सारद करे शिवा शिवा…
तेरे क्रोध के आगे काल न ठहरे..
धरदो त्रिशूल, महाकाल शिवा….!
नंदी-संदी सब पांव में लोटे…
अरज कर रही गौरा माँ…
गणेश–कार्तिकेयन हाथ जोड़ खड़े हें…
विनत कर रही चहुं दिशा…
शिवा शिवा – शिवा शिवा…
गुरुजन की तो मानो हे नाथ शिवा…
धरदो त्रिशूल शिवरात्रि को ओसर् हे..
करने दो वंदना डूब के धुन में…
शिवा शिवा – शिवा शिवा…..
©@ Roop Singh 07/03/16
हर हर शम्भू ...🙏
कृष्ण
अनंत सारथी माधव गोपाल तू ........!
ओमकार अपार केशव् नन्दलाल तू .!!
अमृत कृष्णा श्रीवत्स कौस्तुभधराय..!
गोविंद ऋषिकेश, दयानिधि दयाल तू !!
(c) @ Roop Singh 14/03/25
जय श्री कृष्ण ......🙏
No comments:
Post a Comment
Thankyou so much